27.2.24

गायत्री शक्ति पीठ सुवासरा //मंदसौर जिले के देवालय //डॉ.आलोक जी का ११ हजार का दान

गायत्री शक्ति पीठ सुवासरा  को

समाज सेवी डॉ.दयाराम आलोक  द्वारा 

११ हजार रूपये का नकद दान 

गायत्री शक्ति पीठ सुवासरा का विडियो डॉ.आलोक की आवाज 


गायत्री शक्ति पीठ सुवासरा में दान पट्टी लगी


मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम,झाबुआ जिलों के

मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु


साहित्य मनीषी


डॉ.दयाराम जी आलोक




शामगढ़ का

अभिनव  दान-अनुष्ठान


साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६  वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|


     My You Tube Channel address :



गायत्री शक्ति पीठ सुवासरा  हेतु 
11 हजार नकद  दान 

 गायत्री शक्ति पीठ  सुवासरा के शुभ चिन्तक 

अर्जुनलाल जी चौहान- 89894-11420 का सुझाव 

लक्ष्मी नारायण जी टेलर ९४०६६-५७६१५ का सहयोग 

समिति के अध्यक्ष गैंदालाल जी टेलर हैं

गायत्री ट्रस्ट के वर्तमान पदाधिकारी निम्न हैं-

मुख्य ट्रस्टी सुनील जी मान्दलिया हैं,संयोजक लक्ष्मी नारायण जी परमार टेलर हैं. गेंदमल टेलर ट्रस्टी हैं. कोषाध्यक्ष राजेंद्र जी चौधरी हैं .


डॉ.अनिल कुमार दामोदर आत्मज  डॉ.दयाराम जी आलोक 99265-24852 ,दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ 98267-95656 द्वारा सुवासरा गायत्री मंदिर हेतु दान सम्पन्न सन २०२२ 





17.2.24

सोंधिया राजपूत जाति की उत्पत्ति और इतिहास

 

  हमारे देश की भगौलिक रचना कुछ इस प्रकार है कि जो स्वरुप आज दिखाई देता है देश आजाद होने और उसके पूर्व के काल में ऐसा नहीं था । प्राचीन काल में मगध, पाटली पुत्र, पंचनद, उत्कलप्रदेश जैसे नाम प्रचलित थे । मुगलों और अंग्रेजों के काल में मेवाड़, मालवा, सौंधवाड़, हाड़ोती, महाकौशल, बुंदेलखण्ड जैसे नाम अलग-अलग क्षेत्रों के लिए उपयोग किये जाते थे । देश आजाद होने के बाद आज उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे नाम प्रचलित है ।
हिन्दू धर्म में प्रचलित चार वर्णों में क्षत्रिय वर्ण प्रमुख है इस वर्ण में राजपूत जाति इस देश की सैनिक और शासक जाति रही । \
   जुझारू जाति होने के कारण युद्धप्रियता और देश एवं धर्म की रक्षा का भार राजपूतों पर रहा । मुस्लिम आक्रमणकारियों के भारत में आने के बाद राजपूतों को कहीं जीत तो कहीं हार का सामना करना पड़ा । कहीं राजपूत धर्म परिवर्तन द्वारा मुस्लिम धर्म को अंगीकार करने के लिए बाध्य हुए तो कहीं दूरस्थ क्षेत्र में जाकर बसने को मजबूर हुए । चूँकि मुस्लिम शासकों का दबाव दिल्ली एवं उसके आसपास ज्यादा रहा अतः स्वाभिमानी राजपूत अपनी आन की रक्षा के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर बस गए । उस समय मालवा, मेवाड़ एवं हाड़ोती से लगा हुआ "सौंधवाड़" एक सुरक्षित क्षेत्र था जिस कारण दिल्ली एवं उसके आसपास से राजपूत यहां आकर बसे ।
   जाति इतिहासविद डॉ. दयाराम आलोक के मतानुसार   मंदसौर, झालावाड़, उज्जैन, राजगढ़ आदि जिलों में फैला यह क्षेत्र सौंधवाड़ कहलाता है|। इस क्षेत्र में विभिन्न वंशो के राजपूत आकर बसे जिसमें चौहान, तंवर, पंवार, सोलंकी, गहलोत, परिहार, बघेला, बोराना, आदि प्रमुख है.16 वीं, 17 वीं शताब्दी में मेवाड़, मारवाड़ से इस क्षेत्र में चुण्डावत, राणावत, शक्तावत, भाटी, चौहान, राठोड़, झाला, सोलंकी, पंवार आदि राजपूत आकर बसना शुरू हुए । स्वयं के श्रेष्ठ होने की भावना के कारण अपनी अलग पहचान के लिए इन लोगों ने स्थानीय राजपूतों से दूरी बनाए रखने बाबत् पहले से बसे हुए राजपूतों को "सौंधवाड़" का राजपूत कहकर बुलाया जो कालान्तर में धीरे-धीरे "सौंधिया राजपूत" बन गया और बोलचाल की भाषा में "सौंधिया" के रूप में प्रचलित हो गया ।
सोंधिया राजस्थान और मध्य प्रदेश में 700 वर्षों से निवास कर रही राजपूत जाति  है|
सोंधिया छोटे किसानों का एक समुदाय हैं, |यह  एक वैष्णव हिंदू समुदाय हैं, और उनके कोई विशेष रीति-रिवाज नहीं हैं। सोंधिया को आमतौर पर पिछड़ी जाति श्रेणी से संबंधित माना जाता है।
   मप्र पिछड़ा आयोग की भोपाल में सुनवाई के दौरान सौंधिया राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने समाज का पक्ष रखा। कहा कि पिछड़ा वर्ग की जातियों में सौंधिया राजपूत की जगह केवल सौंधिया लिखा है। सौंधिया के साथ राजपूत शब्द जोड़कर जाति को सौंधिया राजपूत किया जाए।
इस हेतु आयोग के समक्ष प्रदेशभर से आए समाजजन ने दस्तावेज पेश किए। समाज प्रदेश अध्यक्ष विधायक नारायण सिंह,


राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विधायक चंदरसिंह सिसौदिया, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शंभूसिंह, जिलाध्यक्ष किशनसिंह पावटी, प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीपसिंह तरनोद, युवा जिलाध्यक्ष दरबार अभयसिंह किलगारी, जिला प्रवक्ता डॉ भंवरसिंह, प्रदेश सचिव डॉ. भोपालसिंह और प्रदेश के पदाधिकारी माैजूद थे।
 

२०२३ के विधानसभा चुनाव में सुसनेर से  भैरो सिंग  पड़िहार बापू   निर्वाचित हुए हैं जो सोंधिया राजपूत समाज से आते हैं  
राजपूत कौन हैं और लोग उन्हें इतना प्रचारित क्यों करते हैं?
 राजपूत और ठाकुरों में क्या अंतर है?
राजपूत संघ है एक जिसमे 36 कुल के लोग शामिल है
“दस रवि से दस चन्द्र से, बारह ऋषिज प्रमाण,
चार हुतासन सों भये , कुल छत्तिस वंश प्रमाण
  मगर फिर घाल मेल हुआ 62 कुल हो गए इनको  क्षत्रिय  भी कहते है | शासक वर्ग के अच्छे बुरे सब कार्य का प्रचार होता है ठाकुर एक उपाधि है कोई संघ या जाती नही इसका प्रयोग लगभग सभी जातियॉ करती है |बिहार उत्तर प्रदेश में नाई जाती  भी  ठाकुर  सरनेम  का प्रयोग कराती है. तो राजस्थान में राजपूत भी  ठाकुर  कहलाते हैं. ,मध्य प्रदेश में घोषी अहीर(यादव) भी करते है  ठाकुर  सरनेम  उपयोग करते हैं. मगर सबसे पहले ब्राह्मणों ने प्रयोग किया था आज भी गुजरात बंगाल में ब्रह्मण  ठाकू कहलाते हैं.  राजपूत और ठाकुर में अंतर यहीं है कि राजपूत संघ जाती है . कुल मिलाकर  लोग ठाकुर कहलाने में गौरव  का अनुभव करते हैं ,
Disclaimer: इस  content में दी गई जानकारी Internet sources, Digital News papers, Books और विभिन्न धर्म ग्रंथो के आधार पर ली गई है. Content को अपने बुद्धी विवेक से समझे

14.2.24

शिव हनुमान मंदिर सिंगपुर // झालावाड जिले के देवालय //दामोदर हॉस्पिटल शामगढ़ द्वारा बेंच व्यवस्था

 झालावाड जिले के सिंगपुर में शिव हनुमान मंदिर  हेतु 

दामोदर पथरी अस्पाताल शामगढ़ द्वारा 

४ सीमेंट बेंचें भेंट 


नारायण सिंग जी सिसोदिया ने दान पट्टी फिट करने की जगह बताई 


मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम,झाबुआ जिलों के

मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु


साहित्य मनीषी


डॉ.दयाराम जी आलोक




शामगढ़ का

अभिनव  दान-अनुष्ठान


साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६  वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|


     My You Tube Channel address :

श्री शिव हनुमान मंदिर सिंगपुर हेतु 

१५०५१/-  रुपये की 4 सीमेंट बेंचें दान (संकल्प) 

दान पट्टी  माँगूसिंग जी को भेजी गई


नारायण सिंग जी  सिसोदिया  सिंगपुर ने मंदिर का विडियो भेजा.

सामने वाले पिलर पर दान पट्टी लगने की जगह बताई गई




मंदिर के शुभचिंतक -

मांगू सिंग जी सिंगपुर  ९५८७९-०७७७८ 

नारायण सिंग जी सिसोदिया  ९५८७९-०८६०४ 

नोट -दान पट्टी निर्धारित स्थान पर लगाने के बाद बेंचें भेजी जायेंगी. 



12.2.24

सुबह उठते ही इन प्रार्थना श्लोक का उच्चारण करने से प्राप्त होती है सुख -समृद्धि

आज हम आपको कुछ ऐसे ही श्‍लोक और मंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनका उच्‍चारण आपको सुबह उठते ही करना चाहिए। ऐसा करने पर आपका केवल दिन ही अच्‍छा नहीं बीतता है बल्कि आपको सुख और समृद्धि की भी प्राप्‍ती होती है।

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।


भगवान श्री गणेश जी का यह मंत्र काफी प्रभावशाली है। इससे आपके मन में जो भय होता है वह दूर होता है और पूरे दिन आप सही दिशा में काम कर पाते हैं। इतना ही नहीं इस मंत्र का अर्थ है, 'श्री गणेश, जो बुरा कर रहे हैं उनका विनाश करें, आप सौ सूर्य के समान हैं, विघ्नहरता हैं। आज मेरे कार्यों में जो भी बाधा बनने की कोशिश करे या फिर बाधा डाले, उसका सर्वनाश कर दीजिए।'अर्थात आप इस मंत्र का यदि नियमित उच्‍चारण करती हैं, तो आपके काम में आने वाली बाधा दूर हो जाती हैं।

पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको युधिष्ठिरः ।

पुण्यश्लोको विदेहश्च पुण्यश्लोको जनार्दनः ।।


इस श्‍लोक का भार्वाथ है कि 'पुण्यवान नल, युधिष्ठिर, विदेह तथा भगवान जनार्दनका मैं स्मरण करता हूं।' इन सभी का स्‍मरण सुबह- सुबह करने से आपका पूरा दिन अच्‍छा बीत जाता है और आप सही मार्ग पर चलते हैं, जिससे न आपसे कुछ गलत होता है न आपके साथ कोई कुछ गलत करता है। यह श्‍लोक पूरे दिन आपको आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मबल देता है।


कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। 
करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्..।।



आप अगर ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं तो आपको सुबह सूर्योदय होने पर इस मंत्र का उच्‍चारण करना चाहिए। आपको सूर्य की ओर मुंह करके, आंखे बंद करके और हाथों को जोड़ कर यह प्रर्थना करनी है कि आपके अग्रभाग में लक्ष्‍मी को मध्‍य भाग में सरस्‍वती का और मूल भाग में विष्‍णु जी का निवास हो।

यह बहुत ही शक्तिशाली मंत्र होता है और इसके नियमित उच्‍चारण से भाग्‍य का उदय होना तय होता है। इतना ही नहीं, आप एक मंत्र के माध्‍यम से सुख, समृरिद्ध और विद्या तीनों का वरदान मांग रहे होते हैं, जबकि इनमें से एक भी आपको प्राप्‍त हो जाए तो आपको सब कुछ प्राप्‍त हो जाता है।

‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। 
नर्मदे सिन्धु कावेरि जल स्मिन्सन्निधिं कुरु..’।।


इस मंत्र को भी सुबह नींद से जागते ही आपको जपना चाहिए । आप यदि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करती हैं, तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इसका अर्थ होता है कि 'हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्‍वती, नर्मदा, सिंधु कावेरी मैं जिस जल से स्‍नान कर रही हूं, उस जल में पधारिये।' यह सभी दिव्‍य नदियां हैं और यदि इनके जल से आप नहाती हैं, तो आपका केवल शरीर ही नहीं बल्कि मन भी पवित्र हो जाएगा और आप पूरे दिन सारे काम अच्‍छे से कर पाएंगी।

ओम नमः शिवाय'



भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले शिवजी ने अपने पांच मुखों से यह मंत्र ब्रह्माजी को प्रदान किया था। वेदों और पुराणों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ “ॐ नमः शिवाय” का जप ही काफी है।

ॐ गं ऋणहर्तायै नमः 
अथवा 
ओम छिन्दी छिन्दी वरैण्यम् स्वाहा।


यह मंत्र कर्ज मुक्ति का मंत्र है। अगर आपने किसी से कर्ज लिया हुआ है और अब आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं और इस वजह से आपको नियमित अपमान सहना पड़ता है, तो आपको इस मंत्र का उच्‍चारण रोज करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति अच्‍छी हो जाती है और आपने जो भी कर्ज लिया होता है वह खत्‍म हो जाता है।

11.2.24

श्री कालेश्वर मंदिर खाईखेडा MP// शामगढ़ सर्किल के मंदिर //दामोदर हॉस्पिटल द्वारा बेंच व्यवस्था

 श्री कालेश्वर  मंदिर खाईखेडा (शामगढ़ के पास)  हेतु 

दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़  द्वारा 

४ सीमेंट  बेंचें दान 



मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम,झाबुआ जिलों के

मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु


साहित्य मनीषी


डॉ.दयाराम जी आलोक




शामगढ़ का

अभिनव  दान-अनुष्ठान


साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६  वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|


     My You Tube Channel address :

श्री कालेश्वर मंदिर खाई खेडा हेतु 

१५०५१/-  रुपये की 4 सीमेंट बेंचें दान

कालेश्वर मंदिर खईखेड़ा का विडियो 


कालेश्वर मंदिर खाई खेडा  के प्रमुख व्यवस्थापक 

शाम सिंग  जी पडिहार सरपंच  खाईखेडा

चरण सिंग  जी खाई खेडा 

डॉ.अनिल कुमार दामोदर s/o डॉ.दयाराम जी आलोक 99265-24852 ,दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ 98267-95656  द्वारा  कालेश्वर मंदिर खईखेडा  हेतु दान सम्पन्न  १०/२/२०२४ 




9.2.24

श्री भेसासरी राड़ी वाली माताजी मंदिर माणकी //गरोठ वृत्त के मंदिर//डॉ.आलोक साहेब द्वारा बेंच व्यवस्था

राड़ी वाली माताजी  मंदिर माणकी (गरोठ) MP हेतु 

दामोदर पथरी अस्पताल  शामगढ़  द्वारा 

सीमेंट  बेंचें भेंट 

मंदिर में दान पट्टी लगने की जगह बताई जा रही है 


...

मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम,झाबुआ जिलों के

मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु


साहित्य मनीषी


डॉ.दयाराम जी आलोक




शामगढ़ का

अभिनव  दान-अनुष्ठान


साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६  वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|


     My You Tube Channel address :


राड़ी वाली  माताजी मंदिर माणकी  के लिए 

११००१ /- की 3 सीमेंट बैंचें भेंट 


मानकी की वनस्थली  में विराजित भेसासरी माताजी  

में बेंच लगने का विडियो 




माणकी  मंदिर में बेंचें लगी 


राड़ीवाली माताजी मंदिर माणकी के प्रमुख व्यवस्थापक

बालाराम जी पाटीदार दसोरिया 

मदन सिंग जी सिसोदिया  माणकी 

डॉ.अनिल कुमार दामोदर s/o डॉ.दयाराम जी आलोक 99265-24852 ,दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ 98267-95656  द्वारा  राड़ीवाली माताजी  धाम माणकी  हेतु  दान सम्पन्न  १०/२/२०२४ 



..


5.2.24

श्री हनुमान मंदिर कुंडालिया चरणदास //गरोठ सर्किल के मंदिर//दामोदर हॉस्पिटल शामगढ़ की तरफ से लगेंगी बेंचें

 श्री हनुमान मंदिर कुंडालिया चरणदास में 

दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़  द्वारा 

लगेंगी  सीमेंट की बेंचें 

दान पट्टी बनाकर मंदिर के पुजारी  पवन बैरागी को भेजी गई.



मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम,झाबुआ जिलों के

मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु


साहित्य मनीषी


डॉ.दयाराम जी आलोक




शामगढ़ का

अभिनव  दान-अनुष्ठान


साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६  वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|


     My You Tube Channel address :

श्री हनुमान मंदिर कुंडालिया  चरणदास हेतु 

11051  रुपये की ३ सीमेंट बेंचें दान (संकल्प)


नोट : -गाँव के  २-३ खुरापाती तत्व दान पट्टिका स्थापित करने के पक्ष में नहीं होने से दान कार्य अवरोधित हो रहा है.ईश्वर उनको सद्बुद्धि दे. हनुमान जी दण्डित करेंगे. 

मंदिर के हितचिन्तक 

पवन जी बैरागी पुजारी कुंडालिया चरण दास ९९७७८-२९८७९ 

भारुसिंग जी पंचायत सचिव  ९८२६७-२०८३१ 

भेरुलाल जी राठौर टेलर (बनी वाले) 

दीपक जी  मेघवाल  कुण्डलिया चरनदास 

नोट- पवन जी बैरागी पुजारी और दीपक जी मेघवाल  के अनुरोध पर दान पट्टी बनवाकर भेज दी गई है .दान पट्टी  निर्धारित स्थान पर लग जाने पर ३ बेंचें भेजी जायेंगी.