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12.12.23

भजन लाल शर्मा ,राजस्थान के मनोनीत मुख्य मंत्री का जीवन परिचय






 राजस्थान की राजनीति में एक नए युग का आगाज हुआ है, भाजपा के वरिष्ठ नेता भजन लाल शर्मा राज्य के नए मुख्यमंत्री बने हैं। उनकी नियुक्ति एक ऐसे नेता के रूप में हुई है जो अपने विनम्र स्वभाव, सकारात्मक नेतृत्व और विकास के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं।
तो आज इस आर्टिकल में में हम आपको श्री भजन लाल शर्मा जी के बारें में विस्तार से पूरी जानकारी देंगे ताकि आपको इनके राजनैतिक संगर्ष और इनकी शिक्षा के बारे में सामान्य सी जानकारी हो पाए। इनका सम्पूर्ण जीवन परिचय कुछ इस प्रकार है।
 राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बाद कयास लगाये जा रहे थे कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 12 दिसम्बर 2023 को भारतीय जनता पार्टी के विधायक दलों के बैठक में भजन लाल शर्मा का नाम चुना गया। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा होंगे।भजन लाल शर्मा राजस्थान के नए सीएम बनें है । सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। अपने राजनितिक करियर में पहली बार विधायक बने हैं। बीजेपी के प्रदेश महासचिव पद हैं।
भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। इसमें इन्होने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा


शर्मा का जन्म 1967 में राजस्थान के जयपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका बचपन आर्थिक रूप से कमजोर परिस्थितियों में बीता, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा को कभी बाधित नहीं होने दिया। उन्होंने स्नातक की डिग्री पूरी की और बाद में राजनीति में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

सफर

राजनीति में शर्मा का प्रवेश 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हुआ था। उन्होंने जमीनी स्तर से काम करना शुरू किया और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को जल्द ही पार्टी ने पहचान लिया और उन्हें 2013 में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया।

विधायक के रूप में

विधायक के रूप में शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया। उनकी जनता के प्रति संवेदनशीलता और समस्याओं को तत्परता से हल करने के प्रयास ने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया।

मुख्यमंत्री के रूप में चुनौतियां और अपेक्षाएं

राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शर्मा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। राज्य में बेरोजगारी, गरीबी और किसानों की समस्याएं प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्हें कोविड-19 महामारी के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव से भी निपटना होगा।
हालांकि, शर्मा की विकास परियोजनाओं को पूरा करने और राज्य को समृद्धि की ओर ले जाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता है। उनकी सकारात्मक नेतृत्व शैली और आम आदमी से जुड़ने की क्षमता उन्हें इन चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी।

राजस्थान के भविष्य के लिए एक आशाजनक नेता

भजन लाल शर्मा एक अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने राजनीति में अपने वर्षों के अनुभव से जनता की समस्याओं को समझने का कौशल हासिल किया है। वह एक ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी नियुक्ति राजस्थान के भविष्य के लिए एक आशाजनक संकेत है, और उम्मीद है कि वह राज्य को विकास और समृद्धि के नए युग की ओर ले जाएंगे।
नाम          भजन लाल शर्मा

उम्र       56 वर्ष 

जन्म तिथि(Date Of Birth) 1967

जन्म – स्थान(Place) भरतपुर

शिक्षा एम .ए

व्यवसाय राजनीति

धर्म (Religion) हिन्दू

राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी

वैवाहिक स्थिति विवाहित

जाति (Cast) शर्मा

पिता का नाम

पद वर्तमान मुख्यमंत्री (राजस्थान)

नागरिकता (Nationality) भारतीय

मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister’s Residence) मुख्यमंत्री कार्यालय, सचिवालय, जयपुर

ई मेल (Mail ID) cmrajasthan@nic.in

संपत्ति (Net Worth ) अभी ज्ञात नहीं

निष्कर्ष 

भजन लाल शर्मा एक ऐसे नेता हैं जिनमें अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का दृढ़ संकल्प और जुनून है। उनकी नियुक्ति राजस्थान के लिए एक नए युग की शुरुआत है, और उम्मीद है कि वह राज्य को विकास और समृद्धि के एक नए स्तर पर ले जाएंगे।

यूट्यूब विडिओ की प्लेलिस्ट -


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मनोरंजन ,कॉमेडी के विडिओ की प्ले लिस्ट

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मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्य मंत्री मोहन यादव का जीवन परिचय






  मध्य प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार, मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को हुआ था। उनका जन्म उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव हैं।
उनकी शादी सीमा यादव से हुई हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। मोहन यादव के पास बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए और पीएचडी सहित कई शैक्षणिक डिग्रियां हैं। मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
वह 2013 में उज्जैन दक्षिण सीट से पहली बार विधायक बने थे। 2018 मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में, वह एक बार फिर चुने गए और उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। उन्होंने मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। 2 जुलाई 2020 को उन्होंने श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

मध्य प्रदेश के मुख्या मंत्री बने 

मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई हैं। मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया हैं। विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई हैं। मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। वह उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। इस बार वह तीसरी बार विधायक बने हैं। मोहन यादव को मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया गया हैं।

संघ के करीबी 

मोहन यादव को संघ का करीबी बताया जाता हैं। जानकारी के मुताबिक, विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा. मोहन यादव ने माधव साइंस कॉलेज से पढ़ाई की हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रह चुके हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे।
वे भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य रह चुके हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी वह उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कमलनाथ के चेहरे पर लड़ रही कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट गई। म
ध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ विधायक दल की बैठक में मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव का नाम तय किया गया है।
 मप्र के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम चौंकाने वाला रहा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश का सीएम बनने की दौड़ से सभी नाम बाहर हो गए। अब मप्र की कमान मोहन यादव के हाथ में रहेगी। यानी प्रदेश में अब शिव का राज नहीं मोहन राज होगा। मोहन यादव ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। अब वे प्रदेश के सत्ता के शीर्ष पर विराजमान हो गए हैं। आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं..
 छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. मोहन यादव को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अगले पांच साल के लिए डॉ. मोहन यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है।
 तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे घोषित होने के बाद से ही लगातार इस बात को लेकर सस्पेंस चल रहा था कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री आखिर कौन होगा इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कहीं वरिष्ठ नेताओं के नाम चल रहे थे, लेकिन सोमवार को भोपाल में मध्य प्रदेश भाजपा विधायक दल के बैठक के दौरान की गई घोषणा ने अचानक सभी को उस समय चौंका दिया, जब उज्जैन दक्षिण के विधायक और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी गई। यहां याद रहे की उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं, जो की वर्ष 2013 में पहली बार इस क्षेत्र से विधायक बने थे, जिसके बाद वर्ष 2018 में फिर इसी विधानसभा सीट से विजय श्री हुए। उन्होंने 2 जुलाई 2020 को शिवराज सरकार मे उच्च शिक्षा मंत्री की शपथ ली थी। जिसके बाद 3 दिसंबर 2023 को वे लगभग 13000 मतों से उज्जैन दक्षिण क्षेत्र से विजय श्री घोषित हुए थे। डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उनके पिता पूनमचंद यादव और माता लीलाबाई यादव हैं। उनकी पत्नी सीमा यादव हैं

मुख्यमंत्री बनने तक कुल 41 वर्षों का रहा संघर्ष

डॉ. मोहन यादव को मंत्री पद तक पहुंचने के लिए 41 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला है। कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैं। 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं।1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया। 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें। 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने। पहली बार 2013 में वह विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उनपर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने।


मोहन यादव की शिक्षा और करियर

डॉ. मोहन यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण केप्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।


कांग्रेस के इन आरोपों का कर चुके हैं सामना

उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। यादव ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। लोगों ने भी इनआरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और मोहन यादव को ही दोबारा विधायक बनाकर भोपाल भेजा है।

इन मामलों में रहे चर्चा में

माता सीता को लेकर एक विवादित बयान भी चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवा राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगल कामना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।


डॉ. मोहन यादव का जीवन परिचय

छात्र राजनीति: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहे। राष्ट्र्रीय महामंत्री के पद के दायित्वों का निर्वाहन, माधव विज्ञान महाविद्यालय में 1982 में छात्र संघ के संयुक्त सचिव तथा 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित।

सामाजिक क्षेत्र: 

2006 में भारत स्काउट एवं गाइड के जिलाध्यक्ष, मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, 2007 में अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 1992, 2004 एवं 2016 सिंहस्थ उज्जैन केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2000-2003 तक विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (सिंडीकेट) सदस्य के दायित्व का निर्वाहन तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, विकलांग पुर्नवास केन्द्रों में सक्रिय भागीदारी की।

राजनीतिक क्षेत्र: 

सन 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष रहे। सन 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे। सन 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री सन 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह रहे। सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे। सन 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे। सन 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य रहे। सन 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उज्जैन संभाग प्रभारी रहे। सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे। सन 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे। सन 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष रहे।

धार्मिक क्षेत्र: 

विक्रमोत्सव-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा आरंभ विक्रम संवत पर प्रारंभ होने वाले भारतीय नववर्ष मनाने की परंपरा, विगत 11 वर्षों से प्रतिवर्ष भव्य उत्सव शिप्रा तट पर आयोजित किया जाता है, धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए भारतीय संस्कृति, तीज, त्यौहार, रीति-रिवाज के पारंपरिक आयोजनों में शामिल होकर साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला, विज्ञान, पुरातत्व, वेद ज्योतिष से जुडने हेतु जनमानस को अभिप्रेरित किया।

साहित्य: 

विक्रमादित्य शोधपीठ का गठन।

लेखन: 

उज्जैयनी का पर्यटन, विश्वकाल गणना के केंद्र डोंगला का लेखन, संकल्प शुभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव आदि पुस्तकों का प्रकाशन।

विदेश यात्रा: 

अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, बैंकाक, थाईलैंड, चीन, नेपाल, बर्मा, भूटान, म्यांमार, अरब देशों की यात्रा।

यूट्यूब विडिओ की प्लेलिस्ट -


भजन, कथा ,कीर्तन के विडिओ

मंदिरों की बेहतरी हेतु डॉ आलोक का समर्पण भाग 1:-दूधाखेडी गांगासा,रामदेव निपानिया,कालेश्वर बनजारी,पंचमुखी व नवदुर्गा चंद्वासा ,भेरूजी हतई,खंडेराव आगर

जाति इतिहास : Dr.Aalok भाग २ :-कायस्थ ,खत्री ,रेबारी ,इदरीसी,गायरी,नाई,जैन ,बागरी ,आदिवासी ,भूमिहार

मनोरंजन ,कॉमेडी के विडिओ की प्ले लिस्ट

जाति इतिहास:Dr.Aalok: part 5:-जाट,सुतार ,कुम्हार,कोली ,नोनिया,गुर्जर,भील,बेलदार

जाति इतिहास:Dr.Aalok भाग 4 :-सौंधीया राजपूत ,सुनार ,माली ,ढोली, दर्जी ,पाटीदार ,लोहार,मोची,कुरेशी

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