12.2.24

सुबह उठते ही इन प्रार्थना श्लोक का उच्चारण करने से प्राप्त होती है सुख -समृद्धि

आज हम आपको कुछ ऐसे ही श्‍लोक और मंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनका उच्‍चारण आपको सुबह उठते ही करना चाहिए। ऐसा करने पर आपका केवल दिन ही अच्‍छा नहीं बीतता है बल्कि आपको सुख और समृद्धि की भी प्राप्‍ती होती है।

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।


भगवान श्री गणेश जी का यह मंत्र काफी प्रभावशाली है। इससे आपके मन में जो भय होता है वह दूर होता है और पूरे दिन आप सही दिशा में काम कर पाते हैं। इतना ही नहीं इस मंत्र का अर्थ है, 'श्री गणेश, जो बुरा कर रहे हैं उनका विनाश करें, आप सौ सूर्य के समान हैं, विघ्नहरता हैं। आज मेरे कार्यों में जो भी बाधा बनने की कोशिश करे या फिर बाधा डाले, उसका सर्वनाश कर दीजिए।'अर्थात आप इस मंत्र का यदि नियमित उच्‍चारण करती हैं, तो आपके काम में आने वाली बाधा दूर हो जाती हैं।

पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको युधिष्ठिरः ।

पुण्यश्लोको विदेहश्च पुण्यश्लोको जनार्दनः ।।


इस श्‍लोक का भार्वाथ है कि 'पुण्यवान नल, युधिष्ठिर, विदेह तथा भगवान जनार्दनका मैं स्मरण करता हूं।' इन सभी का स्‍मरण सुबह- सुबह करने से आपका पूरा दिन अच्‍छा बीत जाता है और आप सही मार्ग पर चलते हैं, जिससे न आपसे कुछ गलत होता है न आपके साथ कोई कुछ गलत करता है। यह श्‍लोक पूरे दिन आपको आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मबल देता है।


कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। 
करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्..।।



आप अगर ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं तो आपको सुबह सूर्योदय होने पर इस मंत्र का उच्‍चारण करना चाहिए। आपको सूर्य की ओर मुंह करके, आंखे बंद करके और हाथों को जोड़ कर यह प्रर्थना करनी है कि आपके अग्रभाग में लक्ष्‍मी को मध्‍य भाग में सरस्‍वती का और मूल भाग में विष्‍णु जी का निवास हो।

यह बहुत ही शक्तिशाली मंत्र होता है और इसके नियमित उच्‍चारण से भाग्‍य का उदय होना तय होता है। इतना ही नहीं, आप एक मंत्र के माध्‍यम से सुख, समृरिद्ध और विद्या तीनों का वरदान मांग रहे होते हैं, जबकि इनमें से एक भी आपको प्राप्‍त हो जाए तो आपको सब कुछ प्राप्‍त हो जाता है।

‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। 
नर्मदे सिन्धु कावेरि जल स्मिन्सन्निधिं कुरु..’।।


इस मंत्र को भी सुबह नींद से जागते ही आपको जपना चाहिए । आप यदि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करती हैं, तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इसका अर्थ होता है कि 'हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्‍वती, नर्मदा, सिंधु कावेरी मैं जिस जल से स्‍नान कर रही हूं, उस जल में पधारिये।' यह सभी दिव्‍य नदियां हैं और यदि इनके जल से आप नहाती हैं, तो आपका केवल शरीर ही नहीं बल्कि मन भी पवित्र हो जाएगा और आप पूरे दिन सारे काम अच्‍छे से कर पाएंगी।

ओम नमः शिवाय'



भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले शिवजी ने अपने पांच मुखों से यह मंत्र ब्रह्माजी को प्रदान किया था। वेदों और पुराणों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ “ॐ नमः शिवाय” का जप ही काफी है।

ॐ गं ऋणहर्तायै नमः 
अथवा 
ओम छिन्दी छिन्दी वरैण्यम् स्वाहा।


यह मंत्र कर्ज मुक्ति का मंत्र है। अगर आपने किसी से कर्ज लिया हुआ है और अब आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं और इस वजह से आपको नियमित अपमान सहना पड़ता है, तो आपको इस मंत्र का उच्‍चारण रोज करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति अच्‍छी हो जाती है और आपने जो भी कर्ज लिया होता है वह खत्‍म हो जाता है।

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