17.2.23

नीलकंठेश्वर महादेव मन्दिर तितरोद MP//सीतामऊ सर्किल के देवालय//दामोदर हॉस्पिटल शामगढ़ द्वारा बेंच व्यवस्था


                                               

                                                

मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम झाबुआ   जिलों  के


मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु

साहित्य मनीषी

डॉ.दयाराम जी आलोक

शामगढ़ का

अभिनव  दान -अनुष्ठान 

साथियों,

शामगढ़ नगर अपने दानशील व्यक्तियों के लिए जाना जाता रहा है| शिव हनुमान मंदिर,मुक्तिधाम ,गायत्री शक्तिपीठ आदि संस्थानों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए यहाँ के नागरिकों ने मुक्तहस्त दान समर्पित किया है|
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी 8 वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं| 

साहित्य मनीषी डॉ. दयाराम आलोक का परिचय सुनिए इसी लिंक में 



श्री नीलकंठेश्वर  महादेव मंदिर तितरोद 
11001/- रुपये का दान(3 बेंच +1501रुपये)

यह विडियो मंदसौर गाथा चेनल के मालिक देविदास जी बैरागी पत्रकार ने बनाकर भेजा है |



नील कंठेश्वर महादेव मंदिर का शिलालेख 

मंदिर मे नेम प्लेट चस्पा की गई 28/1/2023 


मंदिर के प्रबंधक मुकेश पूरी जी के अकाउंट मे 15001/- फोन पे किए| 



                                                                 Aabhar Gyapan


  शामगढ के दानदाता बन्धु द्वारा डॉक्टर दयाराम जी आलोक
की प्रेरणा से डॉक्टर श्री अनिल कुमार जी राठौर (दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ) द्वारा श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर तितरोद हेतु 3 सीमेंट की कुर्सिया भेट करने की घोषणा की थी जो आज महादेव मंदिर पर लगाई गई।। तितरोद नगर की ओर से दानदाता बन्धु का ह्रदय से धन्यवाद।। दानदाता बन्धु से न में कभी मिला न वो कभी श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर तितरोद आये बस एक बार फोन पर बात हुई,,महादेव जी के फोटो/वीडियो/मन्दिर की डिटेल भेजी तो उन्होंने कुर्सियां दान स्वरूप भक्तों के बैठने हेतु प्रदान कर दी ऐसे दान दाता बन्धु का पुनः धन्यवाद साथ ही क्षेत्र के अन्य प्रमुख मन्दिरो पर यह कुर्सियां उंन्होने भेंट करी।। महाकाल महाराज की कृपा सदैव आप पर बनी रहे।।--बैरागी न्यूज एजेंसी बस स्टैण्ड तितरोद-

नीलकंठेश्वर महादेव मन्दिर तितरोद,तहसील-सीतामउ,जिला मन्दसौर मध्यप्रदेश

   श्री नीलकंठेश्वर महादेव जी तितरोद का मंदिर ऐतिहासिक होकर अत्यंत प्राचीन सिद्ध व चमत्कारी स्थान के रूप में सेकड़ो वर्षो से पूजनीय है।। गाँव के बड़े बुजुर्गों से हमने सदैव सुना है की इस मंदिर का निर्माण ग्रामीणों ने नही करवाया है प्राचीन समय मे यह मन्दिर किसी सिद्ध सन्त महात्मा द्वारा वायुमार्ग से उड़ाकर ले जाया रहा था लेकिन भोर का समय होने पर यह मंदिर तितरोद नगर में ही उतर गया ओर तब से आजतक मन्दिर यही है ओर इसकी पूजा अर्चना होती आई है इसलिये लिखित में ऐसा कोई इतिहास नही है कि मन्दिर किसने,,कब व किस काल मे बनाया जो यह साबित करता है कि यह मन्दिर सेकड़ो वर्षो पहले का मंदिर है।। 
   शिलालेख के रूप में तितरोद रियासत के तत्कालीन महाराजा स्वर्गिय श्री रामसिंह जी राठौड़ द्वारा यँहा जलाभिषेक व गाँव को पेयजलापूर्ति हो इस हेतु एक बावड़ी का निर्माण करवाया था यह लेख पट्टिका बावड़ी पर लगी है और वो स्वयं भी यँहा पूजा अर्चना करने हेतु आते थे यह मंदिर राजशाही परम्परा से भी पूर्व का प्राचीन मंदिर है।। तितरोद से राजपरिवार कुछ कारणों की वजह से सीतामउ चला गया था और वँहा उंन्होने सीतामउ को अपनी राजधानी बनाया।। 
   पहले मन्दिर गर्भगृह तक ही सीमित था फिर यँहा के स्वर्गीय महंत श्री 1008 बालूपुरी जी गोस्वामी ने महादेव की सेवा को सर्वोच्य प्राथमिकता देते हुए अपने गृहस्थ जीवन को त्यागकर महादेव सेवा कार्य को ओर अधिक बड़े स्तर पर करने हेतु श्री पंच जूना अखाड़ा उज्जैन से दीक्षा प्राप्त कर अपने शिष्यों को महादेव की भक्ति कार्य मे प्रेरित किया और धीरे धीरे मन्दिर का विकास होते गया जो आज एक बड़े धार्मिक स्थल के रूप में क्षेत्र में विख्यात है।
   ऐसी मान्यता है कि निसंतान दम्पतियों को यँहा मन्नत मांगने पर पुत्र/पुत्री रत्नों की प्राप्ति होती है और ऐसे श्रद्धालुओ की संख्या भी बड़े स्तर पर है साथ ही गुरु पूर्णिमा,,महाशिवरात्रि के साथ प्रत्येक सोमवार को यँहा श्रद्धालुओ की संख्या बढ़ी तादात में दूर दराज से आती है।। श्रावण माह के तृतीय सोमवार को श्री नीलकंठेश्वर महादेव जी की भव्य व ऐतिहासिक शाही शवारी निकलती है जिसमे दिल्ली,,मथुरा,,व्रन्दावन के कलाकार,,अखाड़े,,झांकिया,,भूत पार्टियां,,शाही रथ,,बेंड,,ढोल,,नगाड़े,,ताशे आदी के साथ महादेव नगर भृमण पर निकलते है जिसमे हजारो की संख्या में दूरदराज के श्रद्धालुगण महादेव के दर्शन करने आते है।। उक्त मन्दिर क्षेत्र निरन्तर ख्याति अर्जित करता जा रहा है और यँहा ओर अधिक विकास कार्य होने के साथ भविष्य में ओर अधिक डेवलपमेंट हेतु श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर विकास समिति कार्य योजना बना रही है।। जब भी आप भक्तजन सीतामउ-सुवासरा रोड से गुजरे तो बस स्टैण्ड तितरोद पर यात्री प्रतीक्षालय के पास से कुछ कदम दूरी पर ही बाबा नीलकंठेश्वर महादेव जी का मंदिर है तो एक बार दर्शन करने जरूर पधारे।। 
   मन्दिर के समीप ही मन्दिर के पूर्व पुजारी महंत श्री 1008 स्वर्गीय श्री बालूपुरी जी महाराज की प्रतिमा भी स्थापित की गई है जिनके दर्शनों का लाभ भी आप लेवे वर्तमान में श्री राकेश पूरी,,श्री श्याम पूरी व श्री मुकेशपुरी गोस्वामी महादेव जी का सेवा कार्य कर पूरी तन्मयता व विधिविधान से कर रहे है।। प्रतिदिन प्रातःकालीन आरती व विशेष अवसरों पर बाबा नीलकंठेश्वर महादेव जी के आकर्षक श्रंगार के दर्शन शोशल मीडिया पर भी भक्तों कोहो जाते है।
  देश के बड़े बड़े न्यूज चैनलों व अखबारों में भी उक्त मन्दिर की खबरे प्रकाशित व प्रसारित होती रहती है।। भक्तों को यँहा पीपल,,वटवृक्ष,,शमी,,आंवला व बेलपत्र के वृक्षों की पूजन करने का सौभाग्य भी प्राप्त होता है।। ऐसी है श्री नीलकंठ महादेव जी तितरोद की कृपा।।आप मन्दसौर गाथा ""mandsour gatha devidas bairagi k sath"" यूट्यूब चैनल पर भी मन्दिर व महादेव जी के दर्शन घर बैठे कर सकते है और फेसबुक पर ""Devidas bairagi"" आईडी सर्च कर फॉलो करने पर आपको प्रतिदिन प्रातःकालीन आरती श्रंगार दर्शन होते रहैंगे।।
संकलन--पत्रकार--देवीदास बैरागी,बैरागी न्यूज एजेंसी बस स्टैण्ड तितरोद--9479707432..


देविदास जी बैरागी 9479707432 पत्रकार की पहल 

राकेश पूरी जी  गोस्वामी 96305-18313 मंदिर प्रबंधक हैं| 

मुकेश पुरी जी मंदिर के मुख्य पुजारी हैं| 


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