ऐतिहासिक कायावर्णेश्वर क्यासरा -डग मन्दिर हेतु
दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ की तरफ से
१९ सीमेंट बैंच समर्पित
कायावरणेश्वर शिवालय राजस्थान के झालावाड़ जिले में डग कस्बे से 7 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका परिसर विशाल और हरित है।
मंदिर की विशेषताएं:
- प्राकृतिक मनोरम हरियाली पहाड़ियों से घिरा हुआ
- पौराणिक कालीन राजा जन्मेजय की कथा से जुड़ा हुआ
- विशाल परिसर
- उधयान में विभिन्न प्रजातियों के फल और फूलदार पेड़-पौधे
- गुरुकुल संचालित
- गौशाला से सम्बद्ध
- भगवान शिव की सैंकड़ों वर्ष पुरानी प्रतिमा
समाजसेवी डॉ. दयाराम आलोक जी का योगदान:
- 19 सिमेन्ट की बेंचें समर्पित
- मंदिर के महात्म्य को आत्मसात किया
- प्रबंधक मंडल से संपर्क और दान-विमर्श
- शिलालेख मंदिर के प्रमुख द्वार की दीवार पर लगाया गया
डॉ. दयाराम आलोक जी का यह दान न केवल मंदिर की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है। उनका यह अनुष्ठान मंदिरों और मुक्तिधाम को व्यवस्थाएं उन्नत करने के लिए आर्थिक दान के साथ सिमेन्ट की बेंचें भेंट करने का है।
बोलिए कायावरणेश्वर महादेव की जय!
प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर:कायावर्णेश्वर महादेव के दर्शन
मंदसौर,झालावाड़ ,आगर,नीमच,रतलाम जिलों के
मन्दिरों,गौशालाओं ,मुक्ति धाम हेतु
समाजसेवी
डॉ.दयाराम जी आलोक
शामगढ़ का
आध्यात्मिक दान -पथ
मित्रों,
परमात्मा की असीम अनुकंपा और कुलदेवी माँ नागणेचिया के आशीर्वाद और प्रेरणा से डॉ.दयारामजी आलोक द्वारा आगर,मंदसौर,झालावाड़ ,कोटा ,झाबुआ जिलों के चयनित मंदिरों और मुक्तिधाम में निर्माण/विकास / बैठने हेतु सीमेंट बेंचें/ दान देने का अनुष्ठान प्रारम्भ किया है|
मैं एक सेवानिवृत्त अध्यापक हूँ और अपनी 5 वर्ष की कुल पेंशन राशि दान करने का संकल्प लिया है| इसमे वो राशि भी शामिल रहेगी जो मुझे google कंपनी से नियमित प्राप्त होती रहती है| खुलासा कर दूँ कि मेरी ६ वेबसाईट हैं और google उन पर विज्ञापन प्रकाशित करता है| विज्ञापन से होने वाली आय का 68% मुझे मिलता है| यह दान राशि और सीमेंट बेंचें पुत्र डॉ.अनिल कुमार राठौर "दामोदर पथरी अस्पताल शामगढ़ "के नाम से समर्पित हो रही हैं|
क्यासरा महादेव का विडियो
क्यासरा महादेव मंदिर के शुभचिंतक व समिति संरचना
डग कस्बे के समीप प्रकृति की गोद में क्यासरा स्थित कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर हाड़ाैती का प्रमुख शिवालय है। इस प्राचीन मंदिर में स्थित सवा तीन फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शनार्थ पूरे सावन मास में राजस्थान व मध्यप्रदेश से शिव भक्त आते हैं। मंदिर में लगे प्राचीन जानकारी के अनुसार झालावाड़ के महाराजा स्वर्गीय राजेंद्र सिंह ने 1944 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था तथा उन्होंने यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला भी बनवाई थी। क्यासरा तीर्थ के भानपुरा पीठ पूर्व शंकराचार्य एवं भारत माता मंदिर हरिद्वार के संस्थापक स्वामी सत्यामित्रानंद गिरी महाराज की प्रेरणा से 1987 में यहां अन्न क्षेत्र का शुभारंभ किया था, जो वर्तमान में निरंतर जारी है। यहां 1992 में विशाल 1008 कुंडी लक्षचंडी महायज्ञ भी हुआ था।
क्या है मान्यता : स्थानीय निवासियाें के अनुसार यहां स्थापित शिवलिंग प्रति वर्ष तील व जाै के आकार जितना बढ़ता है। बुजुर्गाें का दावा है कि चर्म रोग या कुष्ठ रोग पीड़ित राेगी यहां मंदाकनी कुंड से जल लेकर स्नान करता है तो उसकी बीमारी खत्म हो जाती है।
कैसे पहुंचे: डग-सुकेत मेगा हाईवे पर डग कस्बे से आठ किमी दूर कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर तक जाने के लिए डग से कई निजी वाहन उपलब्ध हैं।
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