18.4.17

जानिए ,भारत में कहां हुआ था हनुमानजी का जन्म ?





हम में से बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमानजी का जन्म भारत में कहां हुआ था। हनुमानजी की माता का नाम अंजना है इसीलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है। उनके पिता का नाम केसरी है इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जाता है। केसरी को कपिराज भी कहा जाता था, क्योंकि वे कपिक्षेत्र के राजा थे। अब सवाल यह उठता है कि यह कपि क्षे‍त्र भारत में कहां स्थित है? इस विषय में विद्वानों में मतभेद हैं।
हनुमानजी का जन्म कल्पभेद से कई विद्वान चैत्र सुद 1 मघा नक्षत्र को मानते हैं। कोई कार्तिक वद 14, कोई कार्तिक सुद 15 को मानते हैं। कुछ चैत्र माह की पूर्णिमा को उनके जन्म का समय मानते हैं और कुछ कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी की महानिशाको, लेकिन ज्यादातर जगह चैत्र माह की पूर्णिमा को मान्यता मिली हुई है।
हनुमानजीकी जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ हनुमान जन्मोत्सव की तिथि कार्तिक कृष्णचतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा। इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं, किंतु इनके कारणों में भिन्नता है। वास्तव में पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव।
1. डांग जिला का अंजनी पर्वत : कुछ विद्वान मानते हैं कि नवसारी (गुजरात) स्थित डांग जिला पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। इस दंडकारण्य में राम ने अपने जीवन के 10 वर्ष गुजारे थे।डांग जिला आदिवासियों का क्षेत्र है। आजकल यहां ईसाई मिशनरी सक्रिय है। हालांकि आदिवासियों के प्रमुख देव राम हैं। आदिवासी मानते हैं कि भगवान राम वनवास के दौरान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे। डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम और लक्ष्मण को शबरी माता ने बेर खिलाए थे। शबरी भील समाज से थी। आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है।
शबरीधाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है। यहीं मातंग ऋषिका आश्रम था। डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजना पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजीका जन्म हुआ था।

कैथल का अंजनी मंदिर : कैथल हरियाणा प्रान्त का एक शहर है। इसकी सीमा करनाल, कुरुक्षेत्र, जिंद, और पंजाब के पटियाला जिले से मिली हुई है। इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है।   इसका प्राचीन नाम था कपिस्थल। कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था। आधुनिक कैथल पहले करनाल जिले का भाग था।  
पुराणों के अनुसार इसे वानरराज हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है। कपि के राजा होने के कारण हनुमानजी के पिता को कपिराज कहा जाता था।  कैथल में पर्यटक ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं से जुड़े अवशेष भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा यहां पर हनुमानजी की माता अंजनी का एक प्राचीन मंदिर भी और अजान किला भी।   








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