21.1.22

बेलदार समाज का इतिहास:Beldar samaj history

  Dr.Dayaram Aalok Donates benches to Hindu temples and Muktidham 





  जाति इतिहासविद डॉ.दयाराम  आलोक के मतानुसार बेलदार (Beldar) समाज  भारत में पाई जाने वाली एक जाति है. ऐतिहासिक रूप से यह एक खानाबदोश जाति है.पारंपरिक रूप से यह उत्तरी भारत के मूल निवासी हैं, लेकिन अब यह देश के विभिन्न भागों में निवास कर रहे हैं. यह ओड समुदायों के समान है, जो पश्चिमी भारत के मूल निवासी हैं. यह केवट समुदाय के साथ एक वंश का अपने का दावा भी करते हैं, इस तरह से खुद खुद को ओड कहते हैं. यह समुदाय पूरी तरह से भूमिहीन है. पारंपरिक रूप से यह राजमिस्त्री का काम करते हैं. जीवन यापन के लिए यह फल और सब्जी बेचने तथा ईट भट्ठों में भी काम करते हैं. उत्तर प्रदेश में यह अभी भी मुख्य रूप से अपने राजमिस्त्री का काम करते हैं और निर्माण उद्योग (Construction Industry) में कार्यरत हैं. महाराष्ट्र में यह राजमिस्त्री के साथ-साथ काफी संख्या में ईट भट्ठों में ईट बनाने का कार्य करते हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इन्हें अनुसूचित जाति (Scheduled Caste, SC) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. मूल रूप से यह उत्तरी भारत के निवासी हैं. यह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में निवास करते हैं. यह पूरे उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं. 2011 की जनगणना में, उत्तर प्रदेश में इनकी कुल जनसंख्या 1,89,614 दर्ज की गई थी. महाराष्ट्र में यह मुख्य रूप से औरंगाबाद, नासिक, भीड, पुणे, अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल, अहमदनगर, सोलापुर, कोल्हापुर, सांगली, सतारा, रत्नागिरी और मुंबई जिलों में पाए जाते हैं. बेलदार समुदाय के लोग यह दावा करते हैं कि लगभग 5 शताब्दी पहले वह राजस्थान से आकर महाराष्ट्र में बस गए. बेलदार समाज अनेक कुलो में विभाजित है, जिनमें प्रमुख हैं-खरोला, गोराला, चपुला, छपावर, जेलवार, जाजुरे, नरौरा, तुसे, दवावर, पन्नेवार, फातारा, महोर, बसनीवार, बहर होरवार और उदयनवार. यह हिंदी, मराठी और बेलदारी भाषा बोलते हैं. आपस में यह बेलदारी भाषा बोलते हैं, जबकि बाहरी लोगों के साथ मराठी और हिंदी भाषा बोलते हैं.
 Disclaimer: Is content में दी गई जानकारी Internet sources, Digital News papers, Books और विभिन्न धर्म ग्रंथो के आधार पर ली गई है. Content को अपने बुद्धी विवेक से समझे

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा-

विशिष्ट कवियों की चयनित कविताओं की सूची (लिंक्स)

स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से -गोपालदास "नीरज"

वीरों का कैसा हो वसंत - सुभद्राकुमारी चौहान

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा-अल्लामा इकबाल

उन्हें मनाने दो दीवाली-- डॉ॰दयाराम आलोक

जब तक धरती पर अंधकार - डॉ॰दयाराम आलोक

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना - रविन्द्र जैन

सुमन कैसे सौरभीले: डॉ॰दयाराम आलोक

वह देश कौन सा है - रामनरेश त्रिपाठी

किडनी फेल (गुर्दे खराब ) की रामबाण औषधि

बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ -महादेवी वर्मा

मधुर-मधुर मेरे दीपक जल - महादेवी वर्मा

प्रणय-गीत- डॉ॰दयाराम आलोक

गांधी की गीता - शैल चतुर्वेदी

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार -शिवमंगलसिंह सुमन

सरहदें बुला रहीं.- डॉ॰दयाराम आलोक

जंगल गाथा -अशोक चक्रधर

मेमने ने देखे जब गैया के आंसू - अशोक चक्रधर

सूरदास के पद

रात और प्रभात.-डॉ॰दयाराम आलोक

घाघ कवि के दोहे -घाघ

मुझको भी राधा बना ले नंदलाल - बालकवि बैरागी

बादल राग -सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

आओ आज करें अभिनंदन.- डॉ॰दयाराम आलोक

कोई टिप्पणी नहीं: