21.7.17

हिन्दू धर्म में हवन पूजा का उद्धेश्य और महत्व //The importance and significance of havan puja in Hinduism


हवन अथवा यज्ञ भारतीय परंपरा अथवा हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट हवि पहुँचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है (जो अग्नि में डाले जाते हैं).हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि आपके आस पास किसी बुरी आत्मा इत्यादि का प्रभाव है तो हवन प्रक्रिया इससे आपको मुक्ति दिलाती है। शुभकामना, स्वास्थ्य एवं समृद्धि इत्यादि के लिए भी हवन किया जाता है।

स्वास्थ्य के लिए हवन का महत्त्व:-
प्रत्येक ऋतु में आकाश में भिन्न-भिन्न प्रकार के वायुमण्डल रहते हैं। सर्दी, गर्मी, नमी, वायु का भारीपन, हलकापन, धूल, धुँआ, बर्फ आदि का भरा होना। विभिन्न प्रकार के कीटणुओं की उत्पत्ति, वृद्धि एवं समाप्ति का क्रम चलता रहता है। इसलिए कई बार वायुमण्डल स्वास्थ्यकर होता है। कई बार अस्वास्थ्यकर हो जाता है। इस प्रकार की विकृतियों को दूर करने और अनुकूल वातावरण उत्पन्न करने के लिए हवन में ऐसी औषधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं, जो इस उद्देश्य को भली प्रकार पूरा कर सकती हैं।
हवन एक ऐसी विधा है जिसके नियमित करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है तथा अपने विरोधी का नुकसान व अपनी शक्ति ज्यादा बढ़ा देता है इसलिए तामसी प्रवृत्ति वाले तांत्रिक भी इसका भरपुर उपयोग करते है। गायत्री परिवार वाले भी विधि-विधान से हवन करते है जिससे वाणी में सत्यता तथा विश्व बन्धुत्व की भावना बढ़ती है। नियमित हवन करने वालो पर किसी भी प्रकार के बुरी तरंगो का कुप्रभाव नही पड़ता हैं। जानकार की निगरानी में हवन करने से मनवांछित फल प्राप्त होता हैं।

हवन करने की विधी: हवन कुण्ड षुदध होना चाहिए तथा आहुति देने वाला व्यक्ति सन कर ढंग से बैठकर आहूति दें
हवन का उद्देश्य:-
हवन शुभ ऊर्जा के जागरण में निर्देशित प्रक्रिया है और हमारे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाती है हवन के दौरान बोले जाने वाले पवित्र मंत्र एक विशेष कंपन पैदा करते है जो बुरी ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवार्तित करते है।
। सिर पर पगडी तथा धोती व सफेद कपडे पहने हुए होने चाहिऐ। नीले रंग का कोई भी कपडा पहना हुआं नहीं
होना चाहीए। फिर षुध्द सात्विक भावसे श्रध्दापुर्वक ओ3म स्वाहा के साथ आहुति देनी चाहिए। पहले वैदिक मंत्र फिर गोत्राचार बोलकर भी जम्भेष्वर भगवान के षब्दो से हन करें । तो विषेष फलदायक हैं।
जानिए हवन के विभिन्न प्रकार:-
मृत्युंजय हवन जो लंबे जीवन और जीवन की विकट स्थिति के लिए होता है,
दुर्गा हवन नकारात्मक ताकतों के लिए,
चंडी हवन सभी क्षेत्रों में जीत के लिए,
गायत्री हवन सकारात्मक सोच की सुविधा के लिए।
गणपति हवन बाधाओं को दूर करने के लिए
लक्ष्मी हवन धन और समृद्धि के लिए
कृत्या परिहरना हवन काला जादू के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए।
रुद्र हवन नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए।
वास्तु हवन इमारतों और घरों में अच्छी ऊर्जा के लिए
विद्या हवन सीखने की सुविधा के लिएजानिए, अलग-अलग रोग और पीड़ाओं से मुक्ति के लिए कौन-सीहवन सामग्रियां बहुत प्रभावी होती हैं-
1. दूध में डूबे आम के पत्ते - बुखार
2. शहद और घी - मधुमेह
3. ढाक के पत्ते - आंखों की बीमारी
4. खड़ी मसूर, घी, शहद, शक्कर - मुख रोग
5. कन्दमूल या कोई भी फल - गर्भाशय या गर्भ शिशु दोष
6. भाँग,धतुरा - मनोरोग
7. गूलर, आँवला - शरीर में दर्द
8. घी लगी दूब या दूर्वा - कोई भयंकर रोग या असाध्य बीमारी
9. बेल या कोई फल - उदर यानी पेट की बीमारियां
10. बेलगिरि, आँवला, सरसों, तिल - किसी भी तरह का रोग शांति
11. घी - लंबी आयु के लिए
12. घी लगी आक की लकडी और पत्ते - शरीर की रक्षा और
स्वास्थ्य के लिए।

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